चण्डीगढ़ (30 दिसम्बर)
2012 में विज्ञाप्ति जेबीटी की भर्ती में 12731 चयनित अध्यापकों में से बचे लगभग 900 नवचयनित अध्यापकों को बार-बार मुख्यमन्त्री, शिक्षा मन्त्री एवं मुख्यमन्त्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल वत्स से पिछले 1 वर्ष से आश्वासन तो मिलता है परन्तु उस पर कोई अमल नहीं हो रहा है। आज संघ की बैठक मंे फैसला लिया गया कि इस बारें में तुरन्त मुख्यमन्त्री महोदय से मिलकर उनके वादे को याद दिलवाया जाऐगा। ताकि इन बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सके। ज्ञात रहे कि मुख्यमन्त्री ने लगभग 8 माह पहले वादा किया था। परन्तु आज तक वह पूरा नहीं हो सका। जबकि शिष्टमण्डल लगातार उनके द्वारा दिए गए आदेशों को लेकर उच्च अधिकारियों एवं मुख्यमन्त्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल वत्स से मिल रहें हैं। पात्र अध्यापक संघ 2012-13 के प्रधान संजय तालू ने बताया कि पिछले दिनों इन नियुक्ति से वंचित अध्यापकों ने 18 अक्टूबर से धरना व अनश्न शुरू किया गया था। मुख्यमन्त्री के निजी सचिव दीपक मंगला ने 23 अक्टूबर को मुख्यमन्त्री के इस आश्वासन पर अनश्न समाप्त करवाया था कि 4 नवम्बर तक आपकी नियुक्ति करवाकर खुशखबरी दी जाऐगी। परन्तु आजतक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रधान तालू ने बताया कि आज दीपावली के पर भी उन्हे केवल मात्र आश्वासन देकर भेज दिया गया। तालू ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुख्यमन्त्री द्वारा 12731 नवचयनित जे.बी.टी को नियुक्ति देने के आदेश हुए थे। जिनमें से ज्वाईनिंग से वंचित शेष बचे 900 उम्मीद्वार 19 महिने बाद भी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर किया जा रहा हैैं। प्रदेशाध्यक्ष तालू ने बताया कि शिक्षा विभाग के अडियल रैविये के कारण उन्हे सीटों का हवाला देकर नियुक्ति से रोक रखा है, जबकि रैस्ट ऑफ हरियाणा में लगभग 4000 जे.बी.टी के पद प्रमोशन व रिटायरमेंट से रिक्त हैं व जे.बी.टी के 1320 पद मेवात जिले में आज भी रिक्त हैं। प्रदेशाध्यक्ष तालू ने बताया कि जब मेवात जिले में सीटें खाली हैं और मुख्यमन्त्री की ओर से भी वहां नियुक्ति का आश्वासन दिया जा चुका है तो नवचयनित को वहां नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही। केन्द्र सराकर द्वारा मेवात जिले को पहले ही एस्पायरेशलन (अध्यापकों की कमी वाला जिला) घोषित किया जा चुका है और वहां पर अध्यापकों की आज भी कमी है। वर्तमान में लगभग 1320 सीट वहां पर रिक्त हैं तो शेष बचे चयनित उम्मीदवारों को वहां क्यों नहीं ज्वाईनिंग करवाया जा रहा। जबकि 10 फरवरी 2018 को विभाग द्वारा रैस्ट ऑफ हरियाणा से बिना कैडर बदले सीधे तौर पर लगभग 500 उम्मीदवारों को ज्वाईनिंग दी जा चुकी हैं । प्रदेशाध्यक्ष संजय तालू ने बताया कि. माननीय महाअधिवक्ता हरियाणा सरकार व प्रधान सचिव शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल 2015 को माननीय उच्च न्यायालय में एफिडेविट देकर सभी 12731 जे.बी.टी को ज्वाईनिंग देने के लिए कहां था जिसके बाद उच्च न्यायालय ने ज्वाईनिंग देने के आदेश पारित किएं थे । उसके बाद 8 जनवरी 2016 को माननीय उच्च न्यायालय में निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने ऐफिडेविट देकर माननीय उच्च न्यायालय में कहां था कि हमारे पास 16254 जे.बी.टी अध्यापकों की कमी हैं । जिसके बाद भर्ती में कुल 12731 उम्मीद्वारों को नियुक्ति दिए जाने के आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे । परन्तु आज 19 महिने बाद भी नवचयनित जेबीटी सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हैं। संजय तालू ने कहा कि सराकर द्वारा अब तक लगभग 9000 अध्यापकों ने ही ज्वाईनिंग किया हैं। माननीय मुख्यमन्त्री व शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा भी भर्ती में शेष बचे उम्मीद्वारों को बार-बार नियुक्ति का आश्वासन दिया गया है। न्यायालय ने भी बचें हुए जे.बी.टी उम्मीदवारों को भी सही ठहराते हुए उन्हें गैस्टों टीचर से पहले ज्वाईनिंग कराए जाने के आदेश दिए हैं। मगर इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार जे.बी.टी उम्मीद्वारों को ज्वाईनिंग नहीं दे रहीं है। लेकिन मेवात कैडर में खुद सरकार ने बचें हुए जे.बी.टी उम्मीद्वारों को ज्वाईनिंग दिएं जाने की बात कहीं थी। तालू ने बताया कि यदि इस नियुक्ति पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती तो नवचयनित द्वारा जल्द ही भूख हड़ताल पर बैठगें।