






सूरजकुंड (फरीदाबाद), 12 फरवरी। 33वें अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में आयोजित बड़ी चौपाल में सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में राजस्थानी कलाकारों ने गीतों व नृत्यों के माध्यम से पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। राजस्थानी कलाकारों ने अलग-अलग लगभग एक दर्जन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। गायिका सा रे गा मा पा विजेता हरियाणा के अंबाला की डा. रिंकू कालिया ने एक के बाद एक बेहतरीन गजलों एवं नगमों की प्रस्तुति से समा बांधकर सास्कृतिक संध्या में पर्यटकों का मन मोह लिया। उन्होंने मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह की प्रस्तुति नए परिंदों को उडने में वक्त तो लगता है, प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है। एक समुंद्र ने आवाज दी मुझको पानी पिला दीजिए, अब उजाले भी कहने लगे एक दिया तो जला दीजिए, हिंदी फिल्म के मशहूर गीत चार दिनों दा प्यार ओ रब्बा बडी लंबी जुदाई तथा पंजाबी गीत दमादम मस्त कलंदर अली दा पहला नंबर की प्रस्तुतियां दी।
संध्या चौपाल में हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक विकास यादव ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस अवसर पर फरीदाबाद के अतिरिक्त उपायुक्त कम मेला अधिकारी जितेंद्र कुमार, पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक अनीता मलिक सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
बड़ी चौपाल में राजस्थान के जोधपूर के कलाकार रफीक लंगा की टीम ने खडताल वादन एवं गायन, बस्सी के बनवारी लाल जाट की टीम ने कच्ची घोड़ी नृत्य, अनीशुदीन ने चरी नृत्य, अलवर के युसुफ खान मेवाती ने भपंग वादन, चुरू के गोपाल गीला ने चंग ढप नृत्य, अजमेर के विरेन्द्र सिंह गौड ने घूमर की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी। इसी कड़ी में अलवर के बनय सिंह प्रजापत की टीम ने रिम भवई नृत्य की प्रस्तुति दी, वहीं जयपुर की श्रीमती सुआ सपेरा ने कालबेलिया नृत्य पर पर्यटकों को उनके साथ थिरकने पर मजबूर कर दिया। भरतपूर के कलाकार जितेन्द्र पाराशर की टीम ने मयूर व फूलों की होली की प्रस्तुति दी।
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